सुविचार - THOUGHT (49)

जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमें समझ में आता है कि अनेकानेक मित्र होना कम महत्वपूर्ण होता है, और सच्चे मित्र होना अधिक महत्वपूर्ण। - अज्ञात

 “As we grow up, we realize it is less important to have lots of friends, and more important to have real ones.” - Anonymous

हमरी भाखा में-
जइसे-जइसे हमनी जान बड़ा होखेनी जाँ, हमनी जान की समझ में आइल सुरु हो जाला की कइगो संघतिया होखल कम काम (महतपूरन) के होला जबकी सच्चा संघतिया होखल अधिक काम के...जय-जय......कहले के मतलब इ बा की कईगो संघतिया से अच्छा बा की एक्के गो संघतिया होखे पर सच्चा होखे...जय-जय

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